EVs अब पेट्रोल Cars जैसी कीमत में – इलेक्ट्रिक कारें सबके बजट में : क्या आप जानते हैं कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की कीमतें जल्द ही पेट्रोल कारों के बराबर हो सकती हैं? जी हां, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में संकेत दिया कि अगले चार से छह महीनों में यह बदलाव देखने को मिल सकता है। यह खबर हर उस व्यक्ति के लिए खुशखबरी है जो पर्यावरण और अपनी जेब दोनों का ख्याल रखते हैं।
EVs की कीमतों में गिरावट का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और तेज़ी से बढ़ेगी। पिछले कुछ वर्षों में भारत में जीरो-एमिशन वाहनों की खपत लगातार बढ़ रही है, और अगर कीमतें पेट्रोल कारों के बराबर हो जाती हैं, तो हर परिवार के लिए EVs खरीदना आसान हो जाएगा।
भारत के आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ
गडकरी ने यह भी बताया कि भारत हर साल लगभग 22 लाख करोड़ रुपये का तेल आयात करता है। यह न केवल हमारी अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ता है बल्कि पर्यावरण के लिए भी चिंता का विषय है। ऐसे में सस्टेनेबल मोबिलिटी की ओर बढ़ना हमारी जिम्मेदारी बनती है। EVs को किफायती बनाने के लिए सरकार ने कई नीतियां और प्रोत्साहन भी लागू किए हैं।
भारत ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में जबरदस्त प्रगति की है। जापान को पीछे छोड़ते हुए भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो मार्केट बन चुका है। गडकरी का लक्ष्य है कि आने वाले पांच वर्षों में भारत को दुनिया का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल हब बनाया जाए।
किसान और देश की ऊर्जा स्वावलंबन
EVs और क्लीन एनर्जी के लिए कदम बढ़ाने से किसानों को भी फायदा हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार, किसानों ने मकई से एथनॉल उत्पादन कर 45,000 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है। सरकार ने E20 फ्यूल प्रोग्राम शुरू किया है, जिसमें 20% एथनॉल और 80% पेट्रोल होता है। यह कदम न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है बल्कि देश की तेल आयात पर निर्भरता को भी कम करता है।
अगर EVs की कीमतें कम हो जाएं और पर्याप्त प्रोत्साहन दिए जाएं, तो यह बदलाव देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्रांति की शुरुआत साबित होगा। आने वाले समय में भारत न केवल EVs का बड़ा उपभोक्ता बन सकता है, बल्कि निर्माण और टेक्नोलॉजी हब भी बन सकता है।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। वाहन खरीदने या निवेश करने से पहले आधिकारिक स्रोत और विशेषज्ञ सलाह अवश्य लें।